सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:भारतेंदु नाटकावली.djvu/७१३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
(६)

विलासिनी--सखी--(चं०)

विशाखा--सखी--(चं०)

विष्णुगुप्त--चाणक्य का एक नाम--(मु० रा०)

विष्णुशर्मा--राजपंडित--(नो० दे०)

विश्वामित्र--ऋषि--(स० ह०)

वैहीनर--सेवक--(मु० रा०)

शकटदास--राक्षस का मित्र--(मु० रा०)

शारंगरव--चाणक्य का शिष्य--(मु० रा०)

शिखरसेन--मलयकेतु का सेनापति--(मु० रा०)

शुकदेव--मुनि--(चं०)

शैव्या--अयोध्या की रानी--(स० ह०)

शोणोत्तरा--परिचारिका--(मु० रा०)

श्यामला--सखी--(चं०)

संध्या--सखी--(चं०)

सत्यवान--द्मत्सेन का पुत्र--(स० प्र०)

सत्यानाश--फौजदार--(भा० दु०)

सावित्री--राजा अश्वपति की कन्या--(स०प्र०)

सिंधुसेन--सिंध का राजा--(मु० रा०)

सिंहनाद--मलयदेश का राजा--(मु० रा०)

सिद्धार्थक--चाणक्य का गुप्तचर--(मु० रा०)