पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/६७६

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Voit पर्यटन किया । जहाँ जहाँ इन का गमन होता था वहाँ वहाँ की प्रजा बड़ी धूम धाम से इनका आदर सम्मान करती थी । सन् १८७५ में इनके जेनरल कॉफमैन ने कोखंद नामक स्थान को सर किया और सब्ज दरिया का उत्तर भाग अपने अधिकार में करके मस्कविट के राज्य को मिला लिया । सन् १८७६ में जब टर्की और सर्विया के बीच में युद्ध प्रारंभ हुआ, उनमें इन्होंने कुछ स्वयं सहायता किसी को नहीं की । हाँ, रूसी लोग सर्विया की सैन्य समूह में गए थे। जब तुर्क लोगों ने अलेक्जिनाक को फतः कर लिया उस समय कुस्तुन्तुनिया में रहने वाले वकील ने सुल्तान को छ सप्ताह तक युद्ध बंद करने के लिये एक निवेदनपत्र प्रदर्शित किया था, जिसे सुल्तान ने मान्य किया । सन् १८७७ में टर्की और सर्विया के मध्य एक संधिपत्र हुआ और इसी वर्ष में यूरप के सब राजों के वकीलों का कुरतुन्तुनिया में कान्फरेंस हुआ था, उसमें जो व्यवस्था नियत हुई सो टर्की के सुल्तान को माननीय न हुई, उस कारण जार ने टर्की से लड़ने का उद्देश प्रगट किया । इस युद्ध में तुर्क लोग बड़ी शूरता से लड़े, परंतु तुर्की लोग पराजित हुए । उस समय रूसी सेना कुस्तुन्तुनिया के द्वार तक पहुंची थी । सन् १७७८ ता. १९ फेब्रुअरी को एक संधिपत्र स्थान स्टेफेनो में हुआ, जिस के नियम वर्लिन के कान्फरेंस में कुछ परिवर्तन हुए थे । जार का चित्त सर्वदा धर्म विषय में लगा रहता था, इसी कारण ये सब भजनमंदिरों के अध्यक्ष हुए थे; परंतु ये रोमनकैथलिक चर्च से देश रखते थे । जार के ऊपर दो मारण-प्रयोग हुए -प्रथम सन् १८६६ ता. १६ एप्रिल को ज्योंही ये गाड़ी पर सवार होते थे कि एक काराकोजोव विद्यार्थी ने गोली चलाई, परंतु एक कारीगर ने उसी क्षण अपने बुद्धिबल से उस विद्यार्थी के हाथ को फेर दिया, इस कारण निशाना उस का खाली गया । इस बात को देखकर जार ने उस कारीगर कामिसरोफ नामक को उच्च पदवी का सरदार बनाया । द्वितीय सन् १८६७ में ता. ६ जून को पारिस में पोल जाति के बरेजोवास्की नामक पुरुष ने इन पर गोली चलाई थी, उस समय जार अपने दोनों पुत्र और शाहनशाह नेपोलियन के साथ गाड़ी में बैठे थे । परंतु कुशल हुई, कि गोली किसी को न लगी केवल एक अर्दली सवार का घोड़ा जख्मी हुआ । दूसरी गोली वह दुष्ट छोड़ता ही था कि बंदूक की नली फट गई और उसी के हाथ में जा लगी । जार का विवाह ता. २८ एप्रिल सन् १८४१ में हेस की राजकन्या मेरिया एलेक्जाडोविना से हुआ, जिससे संतति बहुत हुई । ज्येष्ठ पुत्रस्वर्गवासी निकोलस का बन्म ता. २२ सेप्टेम्बर सन् १८४३ में हुआ था जो सन् १८६५ में मृत्यु के वश हुआ । द्वितीय पुत्र एलेग्जैडर ता. १० मार्च सन १८८५ में जन्मे और उन का विवाह ता. ९ नवम्बर सन् १८६६ में डेनमार्क की राजकन्या मेरिया फेडोरविना से हुआ । इन की राजकन्या डचेज मेरी का विवाह ता. २३ जनवरी सन् १८७४ में इंगलैंड के राजकुमार इयूक आफ एडिम्बरा से हुआ । Francis I King of France. इन का जन्म सन् १४९४ सेप्टेम्बर की १२ वी तारीख को दो पहर बाद १० घंटा ३७मिनट पर । जन्मदेश का अक्षाश याम्य ४८ अंश, उस समय दशम का विपुवाश ३३ अंश ४८ कला, दशम लग्न ११ राशि ६ अंश, जन्म लग्न ३ राशि ५ अंश ५६ कला । सायनाः स्पष्ट ग्रहा: बु. शु. म. गु. र. चं. ग्रहा: 1 4 १० ४ ४ ५ ११ रा. २८ २७ १९ १५ २३ १० अ. ३० १० ५० ५४ २२ क. दक्षिण चन्द्र क्रांति १० अंश २ कला । दक्षिण शनिक्रांतिः ९ अंश ४३ कला । भारतेन्दु समग्र ६३२