पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/७६२

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यादा 90 प्रमाणातत्व १६७।३ DG1S ३००२ ॥४ १३५।३ ३०३६ 28 ७६ लोक (27 ७७ नन ८ ६७१३ ७८, विजय ७९ उपेंद्र ३०३५॥४ ३०७२।४ |९३८६ ६६।९ ३४११६ ६०।९ २६९ २३२९ ३७ ४७ ३४ दि. १० ई.पू. किसी चित्रमादित्य का नातभार था । मुसम्मानों के मत म नाम प्रस्तपान है और मालवा म यहां जाकर राजा हुआ। वि.२२ई. सन आ.त्र का जगुह । दि. १४ ई, मुसम्मानों ने इसका नाम शनीचर और इस की रानी का नाम दक्षिणा लिखा है। नामांतर पवार । पड़ा भारी काल पड़ा, खजाना सब गरीबों को बांट दिया । आकाश से लोगों के घर में कबूतर गिर पा धर्मात्मा था। नंद्रा कषि ने नाटक काव्य बनाए । वि. ९० नामानर जिरी, मुसम्मानों का विजयमल्ला । वि. ९८ ई. नामांतर चंद्रः मुसलमानों का विजयेद । नामांतर आयरात्र, जयंद्र का मंत्री था । इसके विषय में यह विचित्र बात प्रसिद्ध है कि फांसी पड़कर भर कर फिर जिया था । मुहम्मद अजीम ने अपने फारसी इतिहास में लिखा है कि जिस समय पिमान शूली पर मर गया. उसी काल में राजा भी मर गया । तब प्रजा लोगों ने संधिमान मंत्री के पुत्र अरिराय को गन पर बैठाया और इस भांति सधिमान के कपाल का लिखा पूरा हुआ। अरिराय विरागी होकर जंगल में चला गया । फिर युधिष्ठिर का पोता गोपाल राजाजा बन हा सुदर था. राजा हुना, अपने ससुर खता के बादशाह की मदद से काश्मीर का राजा भा था और सूरन नक जीता । ८० सपिमान ३११९६४ २२१३ भारतेन्दु समग्र ३१३१४ १ मघवाहन २४।९ २३१३ २०० ३० ८२ अनसन ३१८३४ ५८.९ 800 ३०॥२ गांधार (कंदहार) का था, वहाँ के राजा गोपदित्य ने इसे पाता था। बोरा को बसाया । मुसामानों के अनुसार खता के बादशाह की बेरी इसको व्याही थी। इसने प्रत्यक्ष पशुस घृणा करक पिष्ट की चाल चलाई । रुपये को नीनार कहते थे. आईने अकबरी का मेगदहन । तोरमान कुमार का प्रतिद्वंदी था । मुसलमानों ने लिया है कि इसका भाई परवाहन इसका मनाथा ८३ हिरण्य *(२) ३२१३१६ ८८९ ४१

2018