पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/८४६

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बाकर मदाना इमाम जाफर साविक १२ इमाम मूसा काज़िम उम्म फरदा 10 वा ८३ डिजरी ६७ १४८ हिजरी ६ पुत्र, (अधूमकर की पोती) हमीरा १२८ हिजरी ४५ या१८३ १५ बुगदाद शीआ कहते है कि सुन्नियों के उपद्रव से अरब डोड़ कर चले गये । किन्तु सुन्नी कहते है कि उस काल के खलीफा भुगदाद में रहते थे इससे आदर के हनको वहीं बुलाकर बसाया । ये बड़े मारी वंशकर्ता हुए है। बुगदाद शीआ मत का विशेष प्रचार किया । किन्तु सुन्नी | लोग कहते है कि ये लोग भी सप सुन्नी थे। १३ अजीरजा मूसा काजिम तकीम १५३ हिजरी| २०३ १९५ हिजरी| २१४ हिवरी २५ ४० २२० २५४ Ë पुत्र २२ कन्या ५ पुत्र, १कन्या २ पुत्र, २ कन्या २ पुत्र. १कन्या १ पुत्र सरमनराय १४ अबूजाफर नकी अली रहीना १५ अबुलहसन नका समाना असकरी तकी १६ अबूमहम्मद सकरी सौसन १७ अबुलकासिम अबूमुहजकी नरगिस मिहदी भारतेन्दु समग्न २३२ दिजरी २५५ हिजरी २८ O २६० २२७ |१८ इमाम अबूहनीफ सावित |१९ इमाममालिक उन्स सरमनराय युगवाद शीआओं के मत से ९ वर्ष की अवस्था में पर्वतगुहा में चले गए फिर प्रलय के समय निकलेगे । सुन्नियों के मत से अभी जन्म ही नहीं हुआ, प्रलय में पैदा होंगे। मदीना मिस्र नं. १८ से २१ तक ये सुन्नी मत के चार इमाम है, शीआ इन को नहीं मानते । ये चारो पृथक मत के प्रवर्तक है यथा हानिफी, मालिकी, शाफेई और WO 199 ८४ उमउलमुहसिन १५० १७९ O २० इमाम शाफह इदरीस १५० ५४ २०४ बुगवाद अकबर के वंश के बादशाह हानिफी थे। दत्तात्रेय की भांति अबुहनीफा ने अनेक गुरु किये थे, जिनमें इमामजाफर मी थे।