पृष्ठ:भारतेंदु समग्र.pdf/९९९

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श्रीहरि उत्सवावली (वर्ष भर के उत्सवों की तालिका और संक्षेप सेवा शृंगार वर्णन) तत्कर्म हरितोषं यत्" कर्माप्येकं तस्य देवल्य सेवा" 'कृष्ण सेवा सदा कार्या" G C 6 रचनाकाल सन् १८७६ । इसमें साल भर के उत्सवों की तालिका, प्रत, सेवा, शृंगार आदि का वर्णन है।- सं. उत्सवावली मुकुट का शृंगार। चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा - नवरात्रारंभ, अभ्यंग, शृंगार भारी, हो सके तो गुलाब की फूल मंडली । पंचमी श्री रामानुजस्वामी का जन्मोत्सव । षष्ठी श्री यदुनाथ जी का जन्मोत्सव । नवमी श्री रामनवमी, केसरिया वस्त्र, उत्सव का शृंगार, पंचामृत (दोपहर को) । एकादशी द्वादशी दमनक (दौना) समर्पण करना । पूर्णिमा महारास की समाप्ति का उत्सव, मुकुट का शृंगार । किसी के मत से चैत्र शुक्ल द्वितीया को श्री जानकी-जन्म । जिस दिन मेष संक्रांति पड़े उस दिन सत्तू के लड्डू भोग धरना । वैशाख कृष्ण पक्ष एकादशी श्री वल्लभाचार्य महाप्रभु का जन्म, केसरिया बागा । बैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया - अक्षयतृतीया । निकुंज में प्रथम स्नेह का उत्सव । केसरी किनारा रंगा हलका वस्त्र, मोती पोत के आभरण । गर्मी की सेवा आज से चली । खसखाना, पंखा, मट्टी की झारी, छिरकाव, फुहारा, जो बन जाय । परशुराम-अवतार । सप्तमी - श्री रामराज्य । 63 उत्सवावली ९५५