पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/२४१

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भारत की एकता. का निर्माण चलने के लिए हमें अपना मार्ग साफ़ करना है। हमें भी इस काम में आप लोगों को मदद देनी है । आपको यह समझ लेना चाहिए कि आपको हैदराबाद का भविष्य स्वयं बनाना है । इसमें हमारा और कोई स्वार्थ नहीं है। अगर हमें अपनी प्रणाली बदलनी तो वह इस प्रकार से बदलनी चाहिए, जैसा कि हमने पहला काम किया। उसमें कम-से-कम नुकसान हुआ है। यह ढाँचा भी हमें इस सफाई से बदलना चाहिए कि जिससे कम-से-कम नुकसान हो । यदि हम ऐसा नहीं करेंगे तो हमने अभी जो इतना बड़ा काम किया है, वह भी हम बिगाड़ देंगे । इसमें आपका भी भला नहीं है और हमारे लिए तो वह बदनामी का कारण बनेगा ही। हम बदनामी नहीं चाहते । आप हिन्दुस्तान के बीच में पड़े हैं । एक तरह से हिन्दुस्तान के दो हिस्से हो गए हैं और जिन लोगों ने हमारे मुल्क में इस प्रकार का आन्दोलन शुरू किया था, वे लोग जो चाहते थे, वह उन्हें मिल गया । अब हमारे मुल्क में वैसे ही कोई लोग हों, जो मानते हों कि हमारे मुल्क में दो अलग-अलग नेशन (कौम) हैं, तो उन लोगों को बहुत जल्द, वहीं अपना स्थान बना लेना चाहिए, जहां उनकी नेशन के लोग गए हैं। किसी के दिल में ऐसी ख्वाहिश हो, और जिसकी सहानुभूति रात दिन वहीं रहती हो, जिसकी वफादारी वहीं रहती हो, वह खुदा को याद करके वहीं चले जाएँ, तो अच्छा होगा। क्योंकि ऐसा न करने से उनको भी नुकसान होगा, पाकिस्तान को भी नुकसान होगा और हमको भी नुकसान होगा। तो, मैं यह नहीं मानता हूँ कि अब ऐसे कोई लोग भारत में हैं और मैं यह भी मानता हूँ कि यदि हैदरा- बाद में कोई लोग ऐसे हैं, जिनके दिमाग में अभी तक कोई ऐसी चीज बाकी है कि हैदराबाद का भविष्य बनाने में, या हैदराबाद की हुकूमत को रखने या . पलटने में बाहर की कोई सत्ता या बाहर का कोई इंसान, किसी तरह से दखल दे सकता है । अगर कोई है, तो वह धोखे में है और यह उसका पागलपन है। मैं कहता हूँ कि बाहर की कोई ताकत हमारे मुल्क में दखल नहीं दे सकती, क्योंकि यह हमारा भीतरी मामला है । कोई उसमें किसी प्रकार की न मदद कर सकता है, न किसी प्रकार का दखल दे सकता है । इसी तरह हैदराबाद का भविष्य क्या होगा, यह निश्चय करना आप ही लोगों का काम है। इसमें दूसरा कोई कुछ नहीं कर सकता। लेकिन मैं आपको यह कहना चाहता हूँ कि मुझे इस बात की बड़ी फिक्र है कि जिन लोगों पर यह बोझ पड़नेवाला है, उन लोगों के कन्धे इतने मजबूत नहीं है कि वे इस बोझ को आराम से उठा सकें। तो