पृष्ठ:भारत की एकता का निर्माण.pdf/३१५

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१८८ भारत की एकता का निर्माण और आस पास की कोई बड़ी ताकत लड़ेगी, तब तो जो कुछ होगा, होगा। लेकिन कोई छोटी ताकत हमारे सामने ठहर नहीं सकेगी। वह हम से छेड़- खानी करेगी तो मर जाएगी। उसमें हम को क्या है। तो आप लोगों को यही समझना है कि हमें किसी पर हमला नहीं करना है, किसी को दबाना नहीं है, किसी को लूटना नहीं है । किसी की चीज़ लेना हमें हराम है । लेकिन अपना मुल्क हमें मजबूत बनाना है, बलबान बनाना है। उसमें आप सब लोग साथ दें, इस काम में मुझको आप आशीर्वाद दें, तब तो मेरा जिन्दा रहना ज्यादे काम की बात है। इसी हालत में मरना सब से ज्यादा उत्तम है कि जब लोग कहते हैं कि आदमी ठीक था। जब वह बोलता था तो कुछ कड़ी बात भी कहता था, लेकिन आदमी ठीक था। इसी इज्जत से मरना बहुत अच्छा है। लेकिन अगर आप लोग मेरी बात मानें, तो ज्यादा जिन्दा रहने के बारे में आपका आशीष ठीक है। मैं मुल्क से यही मीद करता हूँ कि सारा मुल्क इसी के ऊपर चलेगा। 1