पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/१७

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मुन्न दाखाका राज्य बोटानोंने छीन लिया और इन राजधाम चन्द्रायतको बरबाद कर दिया। जालोर और सिवानेसरी शासाका राज्य भी चौहानाने ले लिया। कोपिरामें घरपीदागह बना राजा हुआ । जिनकी औलाद्के स्टॉर वाराहर पोरक नामसे प्रसिद्ध हुए। इसके पीछे गल, दया और मण्डोर पर भाटियोने अपना अधिकार कर लिया और विराइको भी उजाड़ दिया । परन्तु घरीवाराहके पोत वाइडरावने भाटियोंकी मारवाड़से निकाल कर विराइस ७ कोस दक्सनरी तरफ बीटमेर बादर पसाया । इसका बेटा चाहवराय और बहरायका सेवक हुआ । इसमे सॉखला शाम निकला और इसके भाई सोटाके वाज सोडा पवार कहलाने लगे। ___ गौसला शास्त्राने मानवादी उसर थलीमेर सोसिपारून, जाँगल धगरह पर अपना राज्य कायम दिया, जिसको अन्त स्टाने ले लिया । शाज पल ये गोष जोधपुर और चारानेरके राज्योंमें हें 1 हाँसला माई सोटाने सूमरा भादियोस पालका राज लेनन, ऊमरकोटमे अपनी राजधानी काबम की सार यहीं पर पैदा हुआ था । उसनहा राना परसा महाँका राजा मा । यादमे यह राज्य सिंधक मुसलमानोंके अधिशरमें चला गया और उनसे स्टोहाने छीन दिया, जो अब अँगरेजीगरकार के अधिकार है और उसकी खमें भारत सरकार जोधपुर दरबाग्यो १७... रुपये सालाना रोयल्टी में देता है। माहरायका देश अनातराव सप्टला भा। इसने पिरलार (गुजरात) राजा केवारको परुड़ कर पिंजरेनें कैद वर दिया था। भौसारे भिगाने आनेम पहले ही इस नगरको इप्पल देव पारने बसाया था । यह उप्पलदेव मोसे राजापा गाला था और भानमारमें और गवाही जानके कारण भंडारमे आगया था । यहाँ पर दूसरे बनाइने मटोसो चास रोग उत्तरका एक बड़ा यल जो उजाड़ पड़ा था इसे रहनको दे दिया । यहाँ पर उप्पल देवने ओसियोरा नाम एर पार पसाया । यह शहर अब ओसियाँ नामम प्ररित है। यहीं (औसियाले) के पनीर |भू रहदात में 1 शायद भानमार मारवाड़ी भाषा बोसिमाला परिणागती पहना