पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/२३२

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पालवंश। मापिणपालकै समयके भागलपुर ताम्रपत्रमें देवपालके उत्तराधिकारी : निहुपालके देखपाल भाई जयपालफा पुत्र लिंग है । राज्यपालका नाम इनकी में बढ़ीमें नहीं है। अतएव, सम्भव है, राज्यपाल जयपालका पुत्र हो; और, देवपालने उसे गोद लिया है; एवं गद्दी पर बैठने समय वह विमपाकै नामसे प्रसिद्ध है हो । आज लं मी रजाडॉन बहुधा गोद लिये हुए पुन्नका नाम बदले देने प्रथा चली आती है। यदि यह अनुमान राम न हो तो यही मानना पड़ेगा कि राज्यपाल अपने पिता देवपालकै पहले ही भर गया होगा । परन्तु पहले इसी प्रकार बिभुवनपालको हाल लिखा जा चुका है । उसमें भी ऐसी है धनाका उल्लेख है । इसलिए, हमारी रायमें, जवाहकी प्रथाके अनुसार,... नमको बदलना ही अधिक सम्भव है ।। | देवपाल समयका एक वौद्ध लैसे भी गोविमें मिला है। मागलपुरमें मिले, हुए ता-पवसे प्रकट होता है कि देवपालकै रामय उसका छोटा भाई जयपाड़ ही उसका सेनापति था, जिसमें उत्कल और प्राग्ज्योतिष ज्ञासे युद्ध किया था । देवपालका प्रधान मन्त्री उपर्युक्त मार्गका पुत्र वर्भपाणी थे । ६-चिंग्रहाल ( पहला )। मह चैवपालके छोटे भाई जयपालका पुत्र और देवपालिका उचाधिक्कारा था । बहालकें स्तम्भवालें लेवसे प्रतीत होता है कि देवपाळके मन्त्री, वर्भपाणी,के पत्र १ सोमेश्वरके पुत्र ) केदारपाणीफी बुद्धिमानीसे गड़के राजा (विग्रहपाल ) ने अल्ल, हण, द्रविड़ और गुर्जर देश राजा(फा गर्व-खण्डन किया था । यद्यपि उक्त लैखमैं गोहफे राजाका ३) Ind. An६,, Val. xvIII,P, 30, ( २ ) Ind, Ant., vol. . ॥ ३06. (1) FEp. Eul., Yal, IIT, E- 1A1, १५ } Ep, 13, Yo!, 7, 13, 183,