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भारतके प्राचीन राजवंश- . --नाम नहीं दिया, सयापि यह वर्णन विंग्रहपालका ही होना चाहिए, और, •सी लेसमें । अपालका नाम लिखा है वह भी निगाहपाली से इसरानाम होना चाहिए । डाक्टर झलार्नको अनुमान है ॐि इस --लेसमें कई हुए गहुँके राजासै देवपाक्का ही तात्पर्य है । परन्तु उस समय त बारपाका दादा दर्मपाणी प्रपान या । इसलिए इनका -यह अनुमान ठीक नहीं प्रतीत होता । विग्रहपालकी. सका नाम लला या । वह हैपबंशकी थी । | जनरल कनिहामका अनुमान है केि राज्यपाल और यूर पाल ये नों देवपाल पुन और कमनियाची होग' तथा पालके प जयपाल पुत्र वियपाल राजा हुआ होगा । परन्तु तिनै लेख और ताम्रपत्र उक्त वंशके राजाओंके मिले हैं उन से पूर्व जनरलका अनुमान सिद्ध नहीं होता। इसके पुत्रका नाम नरिमापलि था । 19–नारायपपछि | यह पहपालका पुत्र और उत्तराधिकारी था। इसने सूक्क फेदर मिश्र के पुब गुरव मिथको बड़े सम्मानको रक्का था । नारायणपाल मागलपुरवाले तार-पत्रों इतक मी यही गुरद निश्च । । । रानाके समय दो लेने और भी मिले हैं। इनमें से एक लेई इस राजाक राज्य सातवें वर्गका है । पूत्रोक्त ताम्र-पन्न उसके राज्पके सत्रह वर्षका है। यद्यपि यह राना चोद पा संघावि इसमें बहुत बिपन्दिर बनवाये और उनके निर्वाह के लिए बहुतसे गाँव भी प्रज्ञान किये थे। इसके पुत्र नाम राज्पपछि था । - १), ३. I., val, ४y, 149,१६) Int, Ant, Yel, Y: P. 495, And 1. I. 4. 9. Fal. 47. (५) 4.5,, Yal ItJI, 11 , p. Trt, 4, 11, 12, 18,