पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/२६

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व्यास ने दस बाके हिन्दानान नौहान, चाय और छान लिखे मिल्ने है। इन्ही राव का बाहनान और चनुाहुनान है। चहुमानकी एक मिगात प्रचाराजरामैके पद्मावती मन्डमेन्सिभ दोहेगे जाहिरनी है-- वरगारी पद्मावती गहगारी सुलतान। प्रिथीराज आए दिटी चतुर्भुजा चौहान । मागेका कहना है कि अनिष्टसे पंदा होते समा चहानले बार हाय थे । इसी आधारपर चदने पृथ्वीराजम नु न चाहान' लिख दिया है । म 'मदायरमन' नामर्स पारसी तवारी में लिखा है कि चाहनोंवा राज्म चारों ठरफ फैल गया मा । इसाले उनको चतुर्भुन कहते थे। हम भारत प्राचीन राजकमरे प्रपम मागका निकारी सो जिजिलावा और दानपनों के आधार मिवाम फारमी तवारीनों और माका चरियों तथा पूनानैनगौरी पान वगैरहमी सहायताग लिया गई है यही मनास करते हैं और साथ ही प्रार्थना करते हैं कि गहलय पाठर भूल्यूपमे लिये शमा प्रदान करें। मई मन् १९.१, दनिसाद, सवारी अध्यक्ष इसिगारा कम्बारण,