पृष्ठ:भारत के प्राचीन राजवंश.pdf/२५

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मार्शल चाहानोकी दूसरी बड़ा शारसा हाडा नागस हुई। इस ( हाडा) पासाने चहान हाड़ोती-चोटा और बूंदीमें राज करते है। नादाल चौहानोंकी तीसरी शासाना नाम रीची है । इस (सीची) शाखाका बड़ा राज्य गगावरून.था, जो अब गोटेवालोंके करों में है । साचियोस थर राज्य गालंबेके पादशाहनि ले लिया था और उनसे दिहारे बादशाहो फोमे थाया और चोने कोट्यालाको दे दिया । परन्तु गागानो आसपास रीचिया पई छोटे डिसाने राघोगढ, मबसूदन, वगैरह अय मी मौजूद हैं। गुजरात पर चढ़ाई करते गमन तुबॉमे चौहानोमे नाहोरमा राज्य ले लिया था। मगर उनके कमजोर हो जाने पर शालार के सोनगरा चौहानेनि नाफेल पर फरजा परंक महोर तक अपना राज्य वटा लिया । उस समयके रनवे शिलालेख मधोरसे मिले ह । अब भी गा ले चौहान थावधिराद इलाकै पालम्पुर एजेन्सीम छोटे छोटे रंस है। रणयभारके यौहान राजाभोमें पादणदेव, जैतसा और हम्मार नढे नामी राजा हाह । क्वालजीके शिलालेसमें खिता है। जवकी तल्बार क्याहोमी कठोर पीठ पर कुठारमा वाम चरती बी और टसन अपनी राजधानीगे बेटे हुए ही राजा जैसिंघरो पाया था। हम्मीरने मुरनान जालाउद्दीन के यागी मार मोहम्मदशाहको मय उसके साथियोंके रणभारमें पनाह दा थी । ये लोग बालोररी भाग पर आये में । मुलतागके मोरम्मदशाहरा मांगने पर हमारने अपने मुसलमान शरणागती रक्षाके बदले अपना प्राण और राज्य दे डाला । ऐसी जबॉमदीकी मिसाल गुसलमानोली किमी गी सत्रारासमे नई मिलती है कि विमी मुमलमान बदिमाइने अपने हिन्द शरणागतकी इस प्रकार रक्षा का हो। हम्मीर कविभाथा । इसने राहार' नामक एक अन्य ससूतमे बनाया था । यह अन्य पारानेरके पुस्तकारसमे मौजूद है। (१) नरपर और ग्वालियले कदाहे थे। २)भह मालपेका राजा होगा।