पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज.pdf/१०

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( ७ ) । अग्निकाण्ड-इलाहाबाद निवासियों से बला—छोटे छोटे बालकों को फाँसी-किश्तियों पर गोलाबारी—फाँसी के तरी—अंगरेजों के साथ असहयोग कानपुर और नाना साह-—कानपुर की स्वाधीनसा-नाना का शासन प्रय—सतीचौरा घाट का हत्या काण्डपेशवा नाना साहब का दरबार-फाँसी और रानी लक्ष्मीबाई--लक्ष्मीबाई का चरित्र काँसी की स्वाधीनता अवध में क्रान्ति की तैयारी-लारेन्स की क़िलेबन्दी—नैपाल से मदद की प्रार्थना—क्रान्ति का प्रारम्भ--सीतापुर की स्वाधीनता रैनाबाद की स्वाधीनता-—अवध की स्वाधीनता मौलवी अहमदशाह की गिरप्तारी-वैज़ाबाद की स्वाधीनता सुलतान पुर की स्वाधीनता लखनऊ की स्थिति बेगम हजरत महल का शासन । पृष्ठ १४२८-१४ ६ सैंतालीसवाँ अध्याय दिल्ली पजाब और बीच की घटनाएँ दिल्ली का महत्व यदि पक्षाब क्रान्ति का साथ देत-सिखों को भट्टकानासिल राजाओं का विश्वासघातःकम्पनी ही के राज में पक्षाबी साहूकारों का हित सरहद में कम्पनी के धनीत मुला—फीरोज़पुर में क्रान्तिः पेशावर की देशी पलटनें-फाँसी औौर तोप के मुँह से उड़ाया जाना होती सरदान की सेना का नाश-—बीभरस इश्य —दस नम्बर पल्टन की सिन्धु जल में समाधि-दूर यातनाएँ-जालन्धर, फ़िलौर और लुधियाना में क्रान्ति-सिख राजाओं का देशद्रोह-अंगरेजी सेना के अनसुने अत्याचार बुन्देले की सराय का भीपण संग्राम दिल्ली के भीतर