पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/१२५

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बीसवाँ अध्याय पेशवा को फाँसने के प्रयत्न गो कि ऊपर से देखने में मराठों और कम्पनी के बीच मित्रता . की सन्धि कायम थी, फिर भी कम्पनी को उस की मराठी समय भारत में हैदरअली और टीपू से उतर से खतरा ___ कर अपने दूसरे प्रतिस्पर्धी मराठे ही नज़र आते थे। टीपू के बाद दूसरी भारतीय शक्ति, जिसका नाश करने की अंगरेज़ों को सबसे अधिक चिन्ता थी, मराठा मण्डल और विशेष कर पेशवा दरबार की शक्ति थी। टीपू और अंगरेजों के पहले युद्ध के समय ही इंगलिस्तान की पार्लिमेण्ट के अन्दर भारतीय स्थिति पर बहस करते हुए पालिमेण्ट के कई मेम्बरों ने यह विचार प्रकट किया था कि-"हिन्दोस्तान के अन्दर इंगलिस्तान के हितों को सब से भारी खतरा मराठों से है।” चुनाँचे मैक्फरसन के समय