पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/१२७

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भारत में अंगरेज़ी राज

५४० भारत में अंगरेजीराज बना खिया, तीसरे (माधोजी पींधिया ) को दूसरे कामों में लगाकर और पत्र व्यवहार करके मैंने मुखाए रखा और सुलह के लिए बतौर अपने यन्त्र के उसका उपयोग किया।" मराठों को सत्ता के नाश करने में सबसे अधिक हिस्सा माकिस वेल्सली और उसके भाई करनल आरथर वेल्सली मराठों के नाश में लिया. जो बाद में व्यक ऑफ़ वेलिङ्गटन के वेल्सखी का हिस्सा " नाम से मशहूर हुआ। इन दोनों भाइयों के "सरकारी" और "प्राइवेट" पत्रों में मराठों के नाश के अनेक गुप्त प्रयत्न भरे पड़े हैं। मार्किस वेल्सली के भारत पाने के समय राघोबा का पुत्र बाजीराव पेशवा को मसनद पर था। माना फड़नवीस कैद में था। करमल पामर पूना के दरबार में रेजिडेण्ट था। और माधोजी सींधिया की जगह उसका पौत्र दौलतराव सींधिया ग्वालियर की गद्दी पर था। होलकर कुल में १५ अगस्त सन् १७६७ कोतुकाजी की मृत्यु हुई। . तुकाजी के दो बेटे थे,काशीराव और मलहरराव, होलकर कुल के

  • और दो दासी पुत्र थे, जसवन्तराव और विहू

मागड़े जी। बड़ा बेटा काशीगव गद्दी का वास्तविक • • I won one member ( the Nizam ) of the Great Indian Confederacy from it by an act of seasonable restitution , with another (Moodaji Bhonsle) I maintained a secret intercourse, and converted hum into a friend, a third (Madhoji Scindhia) I drew off by diversion and negotiation, and en- ployed him as the instrument of peace "-Warren Hastings before the British Parliament