पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/१८९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
६०१
दूसरे मराठा युद्ध का प्रारम्भ

६०१ दूसरे मराठा युद्ध का प्रारम्भ ७ जनवरी सन् १८०३ को मार्किट बेल्सली ने बैरकपुर से जनरल लेक के नाम, जो उस समय उत्तरी लेक भारत में था, एक 'अत्यन्त गुप्त और गूढ़' के नाम पत्र ( Most secret and confidential ) पत्र लिखा। इस पत्र में वेल्सली ने लिखा- ___"कुछ दिनों से मैं मराठा साम्राज्य की मनोरमक अवस्था पर भापको पत्र लिखने की इच्छा कर रहा हूँ और यह भी लिखना चाहता हूँ कि मराठों के इस अपूर्व सङ्कट से जितना भी लाभ उठाया जा सकता है, उतना उठाने के लिए मैं किस नीति का पाखन कर रहा हूँ। ___“निस्सन्देह जिस शक्ति का हमें सबसे अधिक डर हो सकता है और जिसे रोक कर रखना हमारे लिए सब से अधिक प्रावश्यक है, वह सींधिया है। और किसो ओर से गहरे या खतरनाक मुकाबले का हमें पर नहीं है,xxx हमारे लिये सबसे अधिक प्रमोघ उपाय सींधिया को वश में करने का निस्सन्देह यह होगा कि हम अवध के उस प्रान्त से, जो हमें हाल में मिला है, सींधिया के हिन्दोस्तान के इलाके पर एकाएक टूट पड़ें; ऐसी सूरत में हमें मुख्य और सबसे अधिक महत्वपूर्ण प्रयत उस स्थान से करना चाहिए, जहाँ पर कि इस समय भाप हैं। ___ “xxx यदि कोई गहरी लड़ाई हुई तोxxx हमारी सबसे अधिक महत्व को काररवाई सोंधिया राज्य के विरुद्ध होगी ताकि हिन्दोस्तान में सोंधिया को शक्ति को नाश कर दिया जाय; दक्खिन में हमारे साथ किसी बड़े संग्राम की सम्भावना नहीं है। "xxx मेरी योजना यह है किxxx मराठा सम्राज्य की सरहद