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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/२०७

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भारत में अंगरेज़ी राज

का बहाना भारत में अंगरेजी राज सीधिया किसी विदेशी सेना को रहने देने के विचार तक से घृणा करता हैxxx" इसी बीच इंलिस्तान के भारत मन्त्री लॉर्ड कासल री के दो पत्र मार्किस वेल्सली के पास आए, जिनमें साफ़ " लिखा है कि अंगरेजों को उस समय भारत में - फ्रान्स से कतई किसी तरह का भी भय न था और न पाइन्दा किसी फ्रांसीसी हमले की सम्भावना थी। इतिहास लेखक जेम्स मिल ने भी अपने इतिहास में इस 'फ्रान्सीसी खतरे' के झूठे और बनावटीपन को बड़ी योग्यता और विस्तार के साथ दर्शाया है। ठीक इसी बहाने का मार्किस वेल्सली ने टीपू सुलतान को कुचलने के लिए उपयोग किया था । वास्तव में इस तरह के झूठ अधिकतर ब्रिटिश भारतीय इतिहास को भावी अध्येताओं की दृष्टि में कलङ्करहित दिखाने के लिए गढ़े जाते थे। किन्तु इस दूसरे मराठा युद्ध का वास्तविक उद्देश उपर के पत्र • " He was aware that the great argument against the Marathas was their harbouring French officers among them, with views evidently hostile toour superiority It was even asserted that there was an army of 14,000 French troops, under Captain Perron of the existence of such a body of troops there was not a single title of evidence betore the house Indeed, after the minutest investigation, he found that there were not in the whole Maratha army more than twelve French Officers , . as to any wish of Scindhia to admit French troops into his dominions, he denied its existence It was notorious that Scandhha abhorred the idea of foreign troops in any part of his states "-Sir Philip Francis on the Maratha War, before the House of Commons, on the 14th March, 1804