पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/२०८

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दूसरे मराठा युद्ध का प्रारम्भ

दूसरे मराठा युद्ध का प्रारम्भ ६१६ की दूसरी से लेकर पांचवीं तक चार बातों के अन्दर साफ़ नज़र प्राता है । उद्देश केवल ब्रिटिश साम्राज्य पिपासा को शान्त करना था। वेल्सली इस समय सींधिया और बरार के अत्यन्त उपजाऊ और मालामाल इलाकों को ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लेने के लिए लालायित था और ये सब बहाने एक दूसरे के बाद इसी उद्देश की पूर्ति के लिए गढ़े जा रहे थे। २८ जन को गवरनर जनरल ने फिर जनरल लेक को एक "अत्यन्त गुप्त और गूढ़" पत्र लिखा कि-"आप सींधिया से लड़ने के उद्देश से उसकी सरहद पर जगह जगह फ़ौज जमा करने का उचित प्रबन्ध कर लें, xxx किन्तु यह सब कार्य इस तरह किया जाय कि शत्रु सावधान होने न पावे।"* ___ इस पत्र के साथ ही वेल्सली ने लेक को एक दूसरा पृथक पत्र भेजा जिसमें विस्तार के साथ उसने जनरल लेक को आदेश दिया कि सोंधिया के श्रादमियों को किस प्रकार अपनी ओर फोड़ा जाय । यह पृथक् पत्र वेल्सली के छपे हुए पत्रों में मौजूद है और पाश्चात्य कूटनीति का एक सुन्दर नमूना है। जो माँगें इस समय करनल कॉलिन्स सींधिया के सामने पेश • "To commence the measures for, assembling a force, with a view to active operations against Scindhia, . . __“You will be able . . . to collect torces at the necessary points • . . without occasioning any alarm for war "-Marquess Wellesley's letter to General Lake marked 'Most secret and confidential, ' dated 28th June, 1803