पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/२३०

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साजिशों का जाल

साजिशों का जाल अमानुषिकता और बूट खसोट के इस कष्टकर बन्धन से सफलता पूर्वक सम्राट की रक्षा कर सकें xxx" हमें स्मरण रखना चाहिए कि स्वयं वारन हेस्टिंग्स ने धोखा देकर मुग़ल सम्राट को माघोजी सींधिया के हवाले किया था और उस समय से अब तक सम्राट ने अपने साथ महाराजा सोंधिया के सलूक की किसी से कोई शिकायत न की थी। सम्राट शाहआलम सानी की एक फारसी कविता अाज दिन तक प्रसिद्ध है, जिसमें सम्राट ने अनेक अनेक दुखों का रोना रोते हुए दिल्ली के अनेक मुसलमान वज़ीरों और अमीरों के विश्वासघात की शिकायत की है। इसी कविता में सम्राट ने एक स्थान पर लिखा है- "माधोजी सीधिया मन्दि जिगर बन्देमन, इस मसरूफ तनातीए सितमगारिए मा ।" अर्थात्-"माधोजी सोंधिया, जो मेरे जिगर का टुकड़ा और मेरा बेटा है, मेरे दुखों को दूर करने में लगा हुआ है।" इससे मालूम होता है कि दिल्ली सम्राट सींधिया कुल के व्यवहार से कितना सन्तुष्ट था। किन्तु माकिस घेल्सली का सारा पत्र ही साफ़ छल और झूठ से भरा हुआ है। इस पत्र के सम्बन्ध में माकिंस वेल्सली ने लेक को लिखा- "मुनासिब यह होगा कि सम्राट के नाम का मेरा पत्र जितने विपाकर और सावधानी से हो सकता है, उतने विपाकर और सावधानी से भेजा जाय Ixxx सय्यद रजातो बहुत दिनों से सम्राट के दरबार में रहता है और दौलतराव सींधिया के यहाँ जो रेजिडेवट रहता है उसके एजएट के तौर