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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/२३४

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६४३
साजिशों का जाल

साजिशों का जाल ६४३ इस प्रकार अंगरेज़ों ने बेगम समरू की मार्फत सीपिया के उत्तर की ओर सामन्तों और ज़मींदारों को अपनी ओर मिलाने के लिए एक विस्तृत जाल फैलाया, जिसके फन्दों को सुलझा सकना इस समय असम्भव है। ३० जुलाई सन् १८०३ को माक्विस वेल्सली ने जनरल लेक को एक और 'गुप्त' पत्र लिखा, जिसमें यह हिदायत की कि- "दौलतराव सोंधिया के जिन सामन्तों, मुख्य कर्मचारियों अथवा अन्य प्रजा” के नाम अभी तक मैंने आपको लिखे हैं, उनके अलावा और जो जो सींधिया के विरुद्ध भड़काए जा सके, उन्हें भड़काया जाय । “न्याय और लाभ दोनों इसी में हैं कि हम सींधिया की प्रजा और उसके कर्मचारियों के असन्तोष और विद्रोह से जितना लाभ उठा सके उठाएँ।"* जनरल लेक को अधिकार दिया गया British Government, such conditions should be inserted as may facilitate the introduction of the British regulations into the Jageer and I request that Your Excellency's negotiations with the Begum may be directed to the accomplishment of this object she should be required to recall her battahons now serving in the army of Daulat Rao Scindhia, and to employ whatever influence she may possess over the Zensndars and Chieftains in the Doab, to induce them to place themselves under the authority of the British Government and to employ their resources in assisting the operations of the British armms "--Marquess wellesley's letter to Lieut-General Lake dated 28th July, 1803, marked 'Official and Secret' the tributarnes, principal officers, or other subjects of Doulat Rao Scindhra exclusively of those described in my General instruc- tions to Your Excellency and in my instructions to Mr. Mercer, may be unclined to place themselves under the protection of the Company, . . .