पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/२४२

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साजिशों का जाल

साजिशों का जाल के साथ विश्वासघात करने के बदले में बड़ी बड़ी रकमें इनाम में देने का वादा किया। माकिंस वेल्सली को इस काम में यथेष्ट सफलता हुई । इन यूरोपियन मुलाजिमों की कुलमय की विश्वास घातकता ने दौलतराव सोंधिया को सब से अधिक धका पहुँचाया। मराठों के विरुद्ध मार्किस वेल्सली की और उसके साथियों की साजिशों की यह समस्त कहानी केवल अंगरेज़ों ही की तहरीरों के अनुसार है। किन्तु मराठों के पक्ष का लिखा हुश्रा कोई वृत्तान्त इस समय हमारे सामने नहीं है, जिसके कारण इस घृणित कूट जाल के पूरे और विस्तृत रूप पर काल ने अब सदा के लिए परदा डाल दिया है।