पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/२५६

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साम्राज्य विस्तार

साम्राज्य विस्तार ६६५ पाने के लिए सींधिया की फ़ौज के साथ रह गए थे। निस्सन्देह श्रसाई के संग्राम की सम्पूर्ण परिस्थिति को रचने में अंगरेज़ों को इन लोगों से बहुत बड़ी मदद मिली होगी। जनरल वेल्सली के अनुसार उस दिन केवल ८,००० पैदल, १,६०० सवार और १७ तोपें वेल्सली के अधीन थीं और करीब ५०,००० पैदल और १२८ तोपें सोंधिया की ओर थीं । किन्तु जनरल वेल्सली के २६ अक्तूबर के एक पत्र में लिखा है कि मराठों की सेना में कम से कम एक ब्रिगेड चार पलटनों की बेगम समक की थी और एक ब्रिगेड उतनी ही बड़ी दुपौ नामक एक यूरोपियन के अधीन थी। बेगम समरू के साथ अंगरेजों की साजिश का जिक पिछलं अध्याय में भा चुका है। १८ जुलाई को जनरल लेक ने गवरनर जनरल को लिखा था- "बेगम समरू के हमारे साथ मिल जाने से हमें कई अत्यन्त भावश्यक लाभ हो सकते हैं। "उसकी चार पलटनें इस समय सींधिया के पास हैं।xxx इस बात की तरकोवे की जा सकती हैं कि वे चारों पलटने जनरल घेल्सली से जा मिले।" ."The most essential advantages may be denved from an union with Begum Sumroo, . " Four ot her battalions are now with Scindhia, . . means might be controved to enable those battalions tojoun General Wellesley "-General Lake's Memorandum to the Governor-General dated 18th July, 1803