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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/२५७

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६६६
भारत में अंगरेज़ी राज

सिलवताका का ६६६ भारत में अंगरेजी राज इसके उत्तर में गवरनर जनरल ने लिखा- "यह सलाह निहायत मुनासिब है और क्रौरन करनल स्कॉट को हुकुम भेज दिया जायगा, मिस्टर मरसर के नाम जो हिदायतें गई हैं उनमें भी यह बात लिख दी गई है।"* दूपों के विषय में गवरनर जनरल के नाम जनरल वेल्सली के ___२४ अक्तूबर के एक पत्र में लिखा है- सींधिया की सेना के १६ अफसर और सारजण्ट मापके २६ अगस्त के एलान के अनुसार पाकर करनल स्टीवेन्सन के साथ मिल गए हैं। उनके नामों की सूची और हर एक को जो जो तनख्वाह मिलनी चाहिए, सब लिख कर मैं बाद में भेजूंगा।" इन १६ अफ़सरों में से एक दो भी था। स्पष्ट है कि बेगम समस की चारों पलटनों ने और दूपों की चारों पलटनों ने प्रसाई के निर्णायक मैदान में सींधिया की अनुपस्थिति में सींधिया के साथ विश्वासघात किया। कसान प्रॉण्ट डफ ने अपने "मराठों के इतिहास" में लिखा है- "साई में सींधिया को अधिकतर पलटनों को एक नुकसान यह था • “This suggestion is extremely proper, and orders will be immedia- tely sent to Colonel Scot; Mr Mercer's Instructions include this point "- Governor-General's reply to General Lake's Memorandum "Sixteen officers and sergeants belonging to the Campoos (10, Scindhra's camp) have joined Colonel Stevenson under Your Excellency's proclamation of the 29th August I will here after send a list of their names, and an account of the pay each is to receive."-General Wellesley's letter to the Governor-General, dated 24th October, 1803