पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/३१३

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७२२
भारत में अंगरेज़ी राज

७२२ भारत में अंगरेजी राज ३-हरियाना का इलाका जो पहले होलकर कुल के राज में था, फिर उसे मिल जाना चाहिए। __-जो प्रदेश इस समय होलकर के राज में है उसकी भविष्य के लिए ज़िम्मेदारी होनी चाहिए, और जिस तरह की सन्धि अंगरेज़ों ने सींधिया के साथ की है उसी तरह की होलकर के साथ होनी चाहिए। ____ जो इलाके होलकर ने अंगरेजों से माँगे, उनमें से बहुत से ऐसे थे जो पहले होलकर राज में शामिल रह चुके थे और मराठों की आपसी लड़ाइयों या मराठों और अंगरेजों की लड़ाइयों में होलकर कुल से छिन गए थे। इसके अतिरिक्त ये समस्त इलाके वे थे जिन्हें वेल्सली ने होलकर को देने का वादा कर रखा था। इस बात से भी गवरनर जनरल या उसके भाई दोनों में से किसी को इनकार न था कि जिन पत्रों में ये वादे दर्ज थे वे जनरल वेल्सली ही के लिखे हुए थे। किन्तु अंगरेज जसवन्तरात्र से अपना काम निकाल चुके थे। समस्त मगठा मण्डल में अब वही एक जसवन्तराव से किसी और बलवान नरेश रह गया था, जिसे युद्ध का निश्चय कुचलना बाकी था। जनरल लेक होलकर से युद्ध छेड़ने के लिए उत्सुक था। अपनी कुछ सेना सहित लेक फ़रवरी सन् १८०४ में होलकर को उत्तरी सीमा की ओर बढ़ा। श्राने जाने का उस ओर केवल एक ही मार्ग था । लेक ने इस मार्ग को अपनी सेना से रोक लिया। उसके बाद अप्रैल के शुरू में लेक ने तीन पलटन पैदल जयपुर को ओर रवाना कर दी, जिनका