पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/३३२

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७४१
जसवन्तराव होलकर

- - जसवन्तराव होलकर ७४१ पर कब्जा किया। इसके बाद यह सेना चम्बल नदी की ओर बढ़ी। ७ जुलाई को जब यह सेना मुकन्दरा से करीब पचास मील आगे बढ़ पाई थी, जनरल मॉनसन को सूचना मिली कि जसवन्तराव होलकर अपनी सेना सहित चम्बल पार कर इस ओर बढ़ा चला आ रहा है। इसी बीच करनल मरे ने गुजरात की ओर से दूसरी बार उज्जैन पर चढ़ाई की। इस बार फिर मार्ग में विवशता उसे रसद की सख्त कठिनाई हो गई । यहाँ तक कि मरे की सेना के पास केवल दो दिन का सामान बाकी रह गया। विवश होकर पहली जुलाई सन् १८०४ को मरे दूसरी बार अपनी सेना सहित गुजरात की ओर लौट गया। जनरल मॉनसन को जब मरे के लौट जाने और जसवन्तराव के . बढ़ने का समाचार मिला, तो वह भी स्वयं आगे मॉनसन के बढ़ने का साहस न कर सका। मॉनसन ने देख अनुभव - लिया कि जिस प्रदेश से होकर वह निकल रहा था वहाँ की प्रायः समस्त प्रजा अंगरेज़ों से असन्तुष्ट और जसवन्तराव के पक्ष में थी। - जुलाई को सबेरे जनरल मॉनसन और होलकर की सेनाओं का आमना सामना हुआ।मॉनसन ने लेफ्टिनेण्ट जसवन्तराव और ___ ल्यूकन को आज्ञा दी कि तुम सवारों सहित मॉनसन का आमना सामना होलकर के मुकाबले के लिए आगे रहो। बापूजी सींधिया को मॉनसन ने कहला भेजा कि श्राप