पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/३५९

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छब्बीसवाँ अध्याय भरतपुर का मोहासरा जसवन्तराव होलकर के दिल्ली से चले जाने के बाद उसका ___पोछा करने के लिए तीन बड़ी सेनाएँ अलग दिल्ली से भरतपुर अलग दिल्ली से रवाना हुई । एक करनल बर्न के अधीन, दूसरी जनरल लेक के अधीन, और तीसरी मेजर जनरल फ्रेजर के अधीन । करनल बर्न की सेना २६ अक्तूबर सन् १८०४ को दिल्ली से चली । करनल बर्न और जसवन्तराव होलकर की सेनाएँ कई बार एक दूसरे के करीब पाई । किन्तु करनल बर्न को हमला करने का साहस न हो सका। जसवन्तराव उस समय उत्तरी भारत की दूसरीराजकियों को अंगरेजों के विरुद्ध मिला लेने के फ़िक में था। वह सहारनपुर से लौट कर भरतपुर की ओर