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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/४४३

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प्रथम लॉर्ड मिण्टो

प्रथम लॉर्ड मिण्टो ८४७ वह काम बहुत अच्छी तरह निकाला जा सकता है जिसका आपने अपने पत्र में ज़िक्र किया है। और चूंकि हिन्दोस्तान पर जमानशाह के हमले की सम्भावना बढ़ती हुई मालूम होती है, इसलिए मेरी राय है कि जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी मेहदीअली नों को बाबा खाँ के दरबार में अपनी काररवाइयाँ शुरू कर देनी चाहिएँ x x x निस्सन्देह यह बहुत ही जली है कि उस मुल्क में इस तरह की प्राक्त खड़ी कर दी जाय जिससे विवश होकर जमानशाह या तो इधर हमला करने का इरादा छोड़ दे और या यदि रवाना हो चुका हो सो वापस लौट जाय ।"* कम्पनी का यह "देशी एजण्ट" मेहदीअली खाँ एक ईरानी . अमीर था, जो हिन्दोस्तान में बस गया था। शिया सुनी के बशायर से उसने ईरान के बादशाह बाबा खाँ के नाम अनेक पत्र लिखे जिनमें अनेक कल्पित घटनाएँ बयान करके उसने बाबा खाँ को जमानशाह के विरुद्ध भड़काने का प्रयत्न किया। बाबा खाँ शिया सम्प्रदाय का और अफ़ग़ानिस्तान का बादशाह सुन्नी था। मेहदीअली खाँ ने ईरान के • "I concur with you in thinking that the services of the native agent whom you have appointed to reside at Bushire may be usefully emploved for the purpose mentioned in that letter, and as the probability of the invasion of Hindostan by 7eman Shah seems to increase, I am of opinion that Mehdi All Khan can not too soon commence his operations at the Court of Baba Khan, . It would certainly be a very desirable object to exeste such an alarm in that quarter as may eather Induce the Shah to rulinguish has projected expedition, or may recall hum should he have actually embarked onrn -Marquess wellesley's letter to the Hon J Duncan, Governor of Bombay, dated 8th October, 1798