पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/४४५

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प्रथम लॉर्ड मिण्टो

प्रथम लॉर्ड मिण्टो २४९ जनरल को ओर से उसके फौजी सेक्रेटरी करनल कर्कपैट्रिक ने मैलकम के नाम १० अकबर सन् १७६ को एक लम्बा पत्र लिखा जिसमें मैलकम को ईरान में काम करने के लिए श्रादेश दिए गए। यह पत्र इतने महत्व का है कि यहाँ पर उसके कुछ वाक्य उद्धृत करना आवश्यक है । करनल कर्कपैट्रिक ने मैलकम को लिखा- "बम्बई मे गवरनर और उसकी कौन्सिल से भापको उन सब पत्रों की नकलें मिलेंगी जो गवरनर और मेहदीअली खाँ के बीच भाए गए हैं। मेहदीअली खाँ एक देशी एजएट है, जिसे कुछ दिनों से मिस्टर इनकन ने गवरनर जनरल के आदेश के अनुसार इस कार्य के लिए नियुक्त किया है कि हिन्दोस्तान के विरुद्ध बार बार जमानशाह जो तजवीजें करता है, उनमें जमानशाह को विफल करने के लिए मेहदीअली खाँ ईरान के दरबार के साथ बातचीत शुरू करे और जारी रक्खे । "बसरा या बग़दाद पहुँच कर जितनी जल्दी हो सके, आप ईरान के दरबार को अपनी नियुक्ति की सूचना भेज दें, और मोटे तौर पर यह लिख भेजें कि आपको भेजने का उद्देश उस मेल और मित्रता को फिर से कायम करना है जो पुराने समय में ईरान की सरकार और अंगरेज सरकार के बीच कायम थी । यदि कोई मनुष्य प्रापसे मिलने के लिए x x x भेजा जाय तो आपका उससे इससे ज़्यादा खुल कर बात करना अच्छा नहीं है, किन्तु यदि आपके साथ इस विषय पर ज्यादा जोर दिया जाय तो आप कह सकते हैं कि और बातों के साथ साथ, मुझे यह आदेश दिया गया है कि मैं हिन्दोस्तान के अंगरेज़ी इलाकों और ईरान के बीच व्यापार को उमति देने के लिए प्रयत्न करूं।" ५४