पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/४५५

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प्रथम लॉर्ड मिण्टो

प्रथम लॉर्ड मिण्टो ८५६ तैयार हैं। अमीर तुरन्त अफगानिस्तान के विरुद्ध अंगरेजों के साथ सन्धि करने को तैयार हो गया। किन्तु अंगरेज़ अफ़ग़ानिस्तान के साथ भी मित्रता की सन्धि कर रहे थे। इसलिए हैदराबाद के अमीर ने ___ जब सन्धि में यह साफ़ साफ़ शर्त रखनी चाही के साथ सन्धि कि यदि अफ़ग़ानिस्तान का बादशाह सिन्ध पर हमला करेगा तो अंगरेज़ सिन्ध की मदद करेंगे, तब अंगरेज़ गज- दून ने टालमटोल को। उसा समय शाह ईरान के कुछ दूत हैदराबाद के दरबार में ठहरे हुए थे। इन दूतों न ईरान की भोर में अफगा- निस्तान के विरुद्ध हैदराबाद के अमीर को महायता देने का वादा किया, यहाँ तक कि एक ईरानी सेना सिन्ध की सहायता के लिए ईरान से चल भी दी। इस बीच में अब्दुलनबो मर गया, शाहशुजा स्वयं काबुल के अन्दर कई तरह की मुसीबतों में फंस गया और उस ओर से सिन्ध का डर बिलकुल जाता रहा । ईरानी सेना का सिन्ध पाना भी अंगरेज़ गवारा न कर सकते थे। कप्तान सीटन ने अब फ़ौरन सिन्ध के अमीरों के साथ इस विषय की एक सन्धि कर ली कि सिन्ध के शत्रुओं के विरुद्ध अंगरेज़ सिन्ध को मदद देंगे और अंगरेजों के शत्रुओं के विरुद्ध सिन्ध के अमीर अंगरेजों को मदद देंगे। इस मन्धि की बिना पर ईरानी सेना ईरान लौटा दी गई। किन्तु यह सन्धि भी अंगरेज़ों और अफ़ग़ानिस्तान की मित्रता