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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/५२०

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भारत में अंगरेज़ी राज

१२४ भारत में अंगरेजी राज बात आसानी से समझ में आ सकती है। यदि हिन्दोस्तान हमारे हाथ से निकल गया तो उसके साथ साथ न सिर्फ हिन्दोस्तान की मण्डियों ही हमारे लिए बन्द हो जावेगी और ऐसी पूरी तरह बन्द हो जावेंगी जैसी कि मध्य एशिया को मण्डियाँ इस समय हमारे लिए बन्द हैं बल्कि इसके साथ साथ जिस हिन्दोस्तान में कच्चा माल खूब पैदा होता है, और जिसके रहने वाले अत्यन्त प्राचीन समय से बड़े कुशल दस्तकार हैं, वह बहुत जल्दी उद्योग धन्धों की दृष्टि से संसार के बड़े से बड़े देशों की पंक्ति में आ जायेगा। ज्योंही हिन्दोस्तानियों को विदेशियों के मुकाबले से अपने उद्योग धन्धों के रक्षा करने का मौका मिला अपने यहाँ की सस्ती मजदूरी और कच्चे माल को बहुतायत की मदद से हिन्दोस्तान का माल एशिया भर की मण्डियों से हमारे माल को निकाल कर बाहर कर देगा और खुद उसकी जगह ले लेगा ।"* म्वयं लार्ड डफरिन ने इस विषय पर व्याख्यान देते हुए एक __बार कहा था:- लॉर्ड डफरिन का "सचमुच यह कहना अत्युक्ति नहीं है कि यदि व्याख्यान हमारे भारतीय साम्राज्य पर कभी कोई गहरी भात • “We do not appear to realise the fact that the loss ot India will assuredly deprive us of all our Eastern trade, and yet it is easy to see that it will be so, for not only will the marts of India be closed against us if we lose it-as firmly closed against us as are those of Central Asia now-but besides this, India, with its raw produce and its people skilled in manufac- tures from ot old, will soon, under a system of protection, become agreat manufacturing nation,~will soon with its cheap labour and abundant supply of raw material supplant us through out the East."-India for Sale Kashmir Sold, by W. Sedgwick, Major, RE, Calcutta, W Newman & Co., Ltd, 1886, page 4