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भारत में अंगरेज़ी राज

-६७२ भारत में अंगरेजी राज ग्रन्थ का सुप्रसिद्ध रचयिता करनल जेम्स टॉड उस प्रदेश की भौगोलिक जाँच के लिए नियुक्त किया गया। करनल टॉड का नाम भारत और विशेष कर राजपूताने के इति- हास में बहुत दिनों तक कायम रहेगा । सन् करनल टॉड टाई १८१५ में करनल टॉड ने मध्य भारत का एक ... सचा और विस्तृत नकशा तैयार किया। इसके बाद करनल टॉड राजपूताने के प्राचीन इतिहास की खोज करता रहा । सन् १८१७ में वह मेवाड़, मारवाड़, जयपुर, कोटा और बूदी की पाँच राज- पूत रियासतों के लिए कम्पनी का एजन्ट नियुक्त हुश्रा और सन् १८२३ तक उस पद पर काम करता रहा। ___ करनल टॉड जितना कुशल कूटनीतिज्ञ था उतना ही विद्वान भी था। कम्पनी के एजेण्ट की हैसियत से उसका मुख्य कार्य यह था कि राजपूत राजाओं को बढ़ा बढ़ा कर मराठों और मुसलमानों दोनों के विरुद्ध सदा उनके कान भरता रहे, ताकि राजपूतों के दिलों में मराठो और मुसलमानों की ओर से काफ़ी घृणा उत्पन्न हो जाय; और ये तीनों जातियाँ भारत की स्वाधीनता के नाम पर विदेशियों के विरुद्ध मिलने न पाएँ । करनल टॉड ने अपना कार्य बड़ी सुन्दरता और सफलता के साथ पूरा किया। उसका प्रसिद्ध ग्रन्थ 'राजस्थान' इसी उद्देश को सामने रख कर लिखा गया और मराठों और मुसलमानों दोनों के विरुद्ध अनेक भ्रान्त और कल्पित वृत्तान्तों से भरा हुआ है 18 करनल टॉड ने भारत के योग्य, महान् • Mahadeva Govinda Ranade, in the Journal of the Puna Sarvayanik Sabha, vol.1