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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/६२०

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तीसरा मराठा युद्ध

तीसरा मराठा युद्ध १०१६ तक इन शर्तों को पूरा न किया गया तो मराठा सेना के ऊपर चारों ओर से हमला कर दिया जायगा। शर्तों का सार इस प्रकार था- (१) राजा अप्पा साहब इस बात को स्वीकार करे कि उसकी संना के अंगरेजी सेना पर हमला करने के दण्ड स्वरूप सारी रियासत अंगरेजों की हो चुकी और अप्पा साहब केवल अंगरेज़ कम्पनी की दया से अपने लिए कुछ अाशा कर सकता है। (२) गजा की सारी युद्ध सामग्री तोपखाना इत्यादि कम्पनी के हवाले कर दिये जायँ और बाद में जब रियासत की सेना को संख्या निश्चित हो जायगी तो इस सामान का एक भाग वापस कर दिया जायगा। (३) रेजिडेण्ट के साथ मिल कर राजा अपनी समस्त अरब सेना को और अन्य मंना को, जितनी जल्दी हो सके, बरखास्त कर दे। (४) राजा को सेना फौरन, जिस स्थान पर अंगरेज़ कहे, चली जाय। (५) नागपुर का नगर खाली कर दिया जाय और कम्पनी की सेना उस पर कब्ज़ा कर ले। बाद में सन्धि हो जाने पर नगर वापस दे दिया जायगा। (६) राजा स्वयं अंगरेजों की छावनी में चला पाए और जब तक सब मामला तय न हो जाय वहीं रहे । इत्यादि। इसके बदले में जेनकिन्स ने यह वादा किया कि यदि अप्पा साहब इन सब शर्तों को स्वीकार कर लेगा तो नागपुर का पूरा