पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/६४४

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१०४१
लॉर्ड ऐमहर्ट

सुत्रपात लॉर्ड ऐमहर्ट १०४१ जनरल नियुक्त होकर कलकत्ते पहुँचा । ऐमहर्ट को भारत में आए चन्द महीने ही हुए थे कि उसने ब्रह्म देश के साथ, खॉर्ड ऐमहटं जिसे बरमा भी कहते हैं, युद्ध शुरू कर दिया। ब्रह्म देश उन दिनों एक विशाल, स्वाधीन और अत्यन्त समृद्ध साम्राज्य था । बङ्गाल की सरहद पर आसाम घरमा युद्ध का और अराकान के प्रान्त बरमी साम्राज्य में " शामिल थे। बहुत दिनों से अंगरेजों की उस साम्राज्य के ऊपर नज़र थी। १८ वीं शताब्दी के अन्त से ही छेड़ छाड़ जारी थी। अराकान की सरहद बङ्गाल के जिले चट्टग्राम की सरहद से मिली हुई थी। अराकान का राजा बरमा के महाराज का सामन्त था। अंगरेजों ने अराकान की प्रजा के एक विद्रोही, किन्तु शक्ति शाली सरदार किङ्गोरिङ्ग को अपनी ओर मिलाया। ___ इतिहास लेखक विलसन ने लिखा है कि सन् १७६७ और १७६८ में करीब तीस चालीस हज़ार अराकान निवासी अपना देश छोड़ कर किनबेरिङ्ग के साथ चट्टय़ाम जिले में श्रा बसे । मालूम नहीं, किन किन उपायों से और क्या क्या लोभ देकर बरमी प्रजा के इन लोगों को भड़का कर चट्टयाम लाया गया। किन्तु लिखा है कि कम्पनी सरकार की ओर से इन लोगों के गुज़ारे के लिए उन्हें मुफ्त जमीन दी गई; एक विशेष अफसर कतान कॉक्स इनके प्रबन्ध के लिए नियुक्त किया गया, और जहाँ पर आकर बसे उस बस्ती का नाम कॉक्स बाज़ार रक्खा गया। विलसन लिखता है:-