१०७८ भारत में अंगरेजी राज घृणित प्रथाएँ अभी तक पूरे जोरों पर जारी हैं। चुङ्गी और महसूलों की कष्टकर प्रणाली से देश का व्यापार और उद्योग धन्धे दिन प्रतिदिन नष्ट होते जा रहे है, और यह प्रणाली अभी तक जारी है। x x x लोग न पहले की अपेक्षा अधिक सुखी है और न अधिक धनी-वास्तव में लोगों की दरिद्रता बढ़ती जा रही है क्योंकि जब कि एक ओर ऊपर लिखी कुप्रथाएँ पूरे जोर से जारी हैं, दूसरी ओर लगान के जिस शिकों ने प्रजा को कस रक्खा है उसके सैकड़ों पेंचों में से प्राधा पेंच भी ढीला नहीं किया गया x x x"ॐ अब हम लॉर्ड बेण्टिक के मुख्य मुख्य कृत्यों को वर्णन करते है। सब से पहले लॉर्ड बेण्टिङ्क की नज़र मैसूर के निकट कुर्ग की छोटी सी रियासत की श्रोर गई । शायद भारत कुर्ग के साथ पहली सनि का कोई दूसरा भाग इतना सुन्दर, रमणीय और - मानव स्वास्थ्य के लिए हितकर न होगा जितना कुर्ग का पहाड़ी इलाका । सन् १७६० में जब कि अंगरेज़ों और टीपू सुलतान में युद्ध की तैयारी हो रही थी, कम्पनो और कुर्ग के राजा के बीच एक सन्धि हुई, जिसकी शर्ते ये थों- his good intentions were never to intertere with the main principle of the British Indian Government, proht to themselves and their masters at the experse of the people of India The abominable system of purveyance and forced labour 1s still in full torce the commerce and manufactures of the country are daily detertorated by the vexatious system of internal duties which is still preserved the people are neither happler nor ncher than they were before-Indeed, their impovernshment has been progressive-for while the evils numerated have continued in full force, the revenue screw has scarcely heen relaxed half a thread of the many bundreds of which it is composed, "-Notes on Indran Affairs, by Frederick Shore, vol 11, pp 223, 224
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