पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/९१

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५०४
भारत में अंगरेज़ी राज

५०४ भारत में अंगरेजी राज के हवाले कर दिया। मार्किस वेल्सली ने अपने भाई हेनरी खेल्सली को इस नए ब्रिटिश प्रान्त का पहला लेफ्टनेण्ट गवरमर नियुक किया। मार्च सन् १८० को इंगलिस्तान की पार्लिमेण्ट के अन्दर वकृता देते हुए लॉर्ड फॉकस्टोन ने इस घटना के सम्बन्ध में नवाब समादतनली की ईमानदारी, उसके धैर्य और उसकी परवशता तथा मार्किस बेल्सली की बेईमानी और उसके खुले अन्याय को अत्यन्त स्पष्ट शब्दों में स्वीकार किया और विस्तार के साथ हवाले देकर सावित किया। एक दूसरे मेम्बर बार० थॉर्नटन ने पार्लिमेण्ट के अन्दर इस सन्धि के विषय में कहा :- 'सन्धि' अथवा 'यदि यह 'सन्धि' थी, तो फिर खुले मैदान से 'का' जाते हुए किसी मुसाफ़िर के ऊपर किसी डाकू के टूट परने और उसे लूट लेने को भी 'सन्धि' का नाम दिया जा सकता है।" ___जिस तरह वारन हेस्टिंग्स के अत्याचारों के लिए पालिमेण्ट में मुकदमा चलाया गया था उसी तरह इस बार वेल्सली के इस अन्याय के लिए वेल्सली पर मुकदमा चलाया गया। कुछ उदार अंगरेज़ों ने पूरी तरह सारे मामले की पोल खोली और बड़ी बड़ी धुंआधार बकृताएं हुई। ३ साल तक मुकदमा चला, अन्त में one might as wen call a robbery committed by a tootpad on a traveller on Hanslow Heath a treaty !'-R Thornton betore the Bntish Parhament