पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज (दूसरी जिल्द).djvu/९४

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सत्रवाँ अध्याय तोर राज का अन्त भारत के दक्खिन में तोर एक छोटी सी मराठा रियासत थी, जिले १७ वीं सदी के मध्य में छत्रपति शिवाजी अंगरेजो के उपर के पिता शाहजो ने कायम किया था। शाहजी तमोर के राजा के पासान के बाद तोर का राज शिवाजी के एक सौतेले भाई वेकोजी को मिला। इतिहास लेखक विलियम हिके लिखता है- "अपने सब और हर तरह के कार बार में तोर के राजा इतनी ईमानदारी का व्यवहार करते थे, जो केवल सचाई के असून से ही उत्पन हो सकती थी। जाहिर है कि उन्होंने सचाई हो को अपना प्रसूख बना रखा था। जब अंगरेज दक्खिनो भारत में पहुंचे और उन्होंने इस देश में बसना चाहा तो उनके सब से पारके और सब से सच्चे दोस्त तोर होके राजा थे।" • The Tanmore Marhatta Princspahty in Southern India.-by willham Hackey, p. 2.