पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/१२८

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पुस्तक प्रवेश

पुस्तक प्रवेश गुण है, और भारत ने अपने पिछले हजारों साल के इतिहास में इस गुण को अन्य देशों की अपेक्षा खात्री सुन्दरता के साथ निबाहा है। ____ यदि स्वदेशी और विदेशी की इस परिभाषा को स्वीकार न किया जाय तो भारत, इंगलिस्तान, जरमनी, फ्रान्स या संसार का कोई भी देश इस समय ऐसा नहीं है, जो पूरी तरह विदेशियों से बसा हुआ न हो। फिर न इंगलिस्तान के एङ्गलो सेक्सन वहां के असली बाशिन्दे माने जा सकते है और न जर्मनी या हिन्दोस्तान के 'आर्य' जिन्हें अपने देशों का इस समय खासा गर्व है। सच यह है कि जिस बाबर ने पानीपत में इब्राहीम लोधी को परास्त किया वह बाबर विदेशी था, किन्तु लिख बाबर ने दिल्ली में अपना साम्राज्य कायम करके तातार और ईरान से अपना सम्बन्ध सदा के लिए तोड़ कर भारत को अपना देश बना लिया यह बाबर भारतवासी था। बाद के मुग़ल सम्राटों में से किसी सन्नाट की किसी नीति विशेष का कोई नतीजा चाहे भारत के लिए हितकर रहा हो या अहितकर, चाहे सम्राट अकबर के समान उनमें से किसी ने हिन्दू और मुसलमानों को एक दृष्टि से देखा हो, या चाहे औरङ्गजेब के समान किसी तरह के भी भेद भाव द्वारा अपने शासन को बदनाम किया हो, फिर भी वे सब सम्राट भारतवासी थे और उनका साम्राज्य स्वाधीन भारतीय साम्राज्य था। मानव धर्म हम फिर भारत की उस समय की धार्मिक लहरों की ओर पाते हैं। रामानुज के धार्मिक विचारों और उसके भक्तिमार्ग को दक्खिन से.