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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/१४

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प्रेम और परिश्रम के साथ बाबू अमूल्यचरण विद्याभूषण ने मेरी सहायता की उसके लिये कृतज्ञता प्रकट कर सकना मेरे लिये असम्भव है। वयोवृद्ध मिस्टर एफ़ हैरिङ्गटन एफ० आर० ए० एस० का भी मैं विशेष कृतज्ञ हूँ कि उन्होंने विक्टोरिया मेमोरियल के चित्रों के फोटो लेने में मुझे हर तरह की सुविधा प्रदान की।

आशा है कि यह नम्र प्रयत्न कुछ देशवासियों को अपने देश की शोचनीय स्थिति तथा उसके वास्तविक उपायों पर गम्भीरता के साथ विचार करने में सहायक होगा।

इलाहाबाद
फरवरी १९२९

सुन्दरलाल