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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/२५१

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COM S भारत में अंगरेज़ी राज पहला अध्याय भारत में यूरोपियन जातियों का प्रवेश अत्यन्त प्राचीन काल से भारतवर्ष मानव जाति की सभ्यता और उसकी उन्नति का एक विशेष स्त्रोत रहा चार सौ साल पहले और पृथ्वीकी विविध जातियों के विकास में एक भारत और यूरोप राप महत्वपूर्ण भाग लेता रहा है। आज से दो तीन ___का सम्बन्ध - सौ साल पहले तक यह देश हर तरह स्वाधीन था, और ज्ञान, विज्ञान, विद्या-प्रचार, कला-कौशल, शासन-प्रधान त्यादि में संसार के समस्त देशों का शिरोमणि था। उस समय पूरोप का कोई देश सभ्यता के किसी अङ्ग में भी भारत की बराबर न कर सकता था। धनधान्य की दृष्टि से भारतवर्ष उस समर