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भारत में अंगरेज़ी राज

भारत में अंगरेजी राज लगा दिया। xxx जनाब, आपसे मैं यह उम्मीद करता हूँ कि आप उस कमीने शख्स को जिसने मुझ पर झूठा इलज़ाम लगाने और आपको धोखा देने का साहस किया मुनासिब दंड देंगे। इस बीच मैंने झांसीसियों से उनके वकील के व्यवहार की शिकायत की है और उन्होंने मुझसे वादा किया है कि 'हम खुद नवाब को लिखेंगे कि जो इलज़ाम हमारे वकील ने आप पर लगाया है वह हमें मालूम है कि झूठा है।' आप विश्वास रखिए कि मैं सदा अपना धर्म समझ कर सुलह पर कायम रहूँगा xxx " निस्सन्देह यह पत्र कपट और झूठ दोनों से भरा हुआ था। सिराजुद्दौला को इस सीधी सी बात का कि “पाँच या छै नए जंगी जहाज़ हुगली में पहुँच चुके हैं" पत्र भर में कहीं उत्तर देने की चेष्टा नहीं की गई। सच यह है कि अंगरेज़ इस समय मांसीसियों और लिराजुद्दौला दोनों के साथ लड़ने का निश्चय कर चुके थे, चुपचाप तैयारियां हो रही थीं और केवल मौके का इन्तजार था। सिराजुद्दौला को वे अंत तक धोखे में रखना चाहते थे। इसी समय के निकट कहा जाता है कि दिल्ली सम्राट के दरबार _ और सिराजुद्दौला के बीच कुछ अनबन हो दिल्ली सम्राट और - गई। खबर मिली कि सम्राट की सेना बंगाल की ओर बढ़ी चली आ रही है। सिराजुद्दौला ने उसके मुकाबले के लिए पटने की ओर बढ़ने का निश्चय किया। 8 फरवरी की सन्धि में यह तय हो चुका था कि इस तरह की कोई आवश्यकता पड़ने पर अंगरेज़ धन और फौज दोनों से नवाब की सहायता करेंगे। सिराजुद्दौला ने वाट्सन को