पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/३४

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पुस्तक प्रवेश

पुस्तक प्रवेश प्रसिद्ध फ्रान्सीसी विद्वान हरवे लिखता है- “सब तरह के साहित्य में अभी तक इतिहास ही मनुष्य को सब से अधिक दुराचार की भोर ले जाने वाला और उसके चरित्र को सब से अधिक भ्रष्ट करने वाला साहित्य रहा है । जब कभी क़ौमों के नाम पर धन लोलुपता और रक्त पिपासा को शान्त किया जाता है, इतिहास इस तरह की लोलुपता और सार्वजनिक हत्या को सराहनीय ठहराता है । इतिहास के पृष्ठों में छल और कपट को चतुर राजनैतिकता का सबूत माना जाता है । जो चीज़ मामूली मनुष्यों में पाप समझी जाती है वह राज दरबारों में और सिंहासनों पर प्रशंसनीय मानी जाती है ।"* प्रसिद्ध इतिहास लेखक खैकी लिखता है- "राजनीतिज्ञों की ग़रज़ सदा अपना काम निकालना रहती है ixxx सत्य से निस्वार्थ प्रेम और ज़ोरों की राजनैतिक भावना ये दोनों साथ साथ नहीं चल सकतीं। उन तमाम देशों में, जहाँ कि लोगों के विचार और उनके सोचने के तरीके अधिकतर राजनैतिक जीवन के आधार पर बने हों, हमें यह दिखाई देता है कि लोग अपनी स्वार्थ सिद्धि को ही सत्य की कसौटी बना बैठते हैं।"

  • " History, so far, has been the most immoral and perverting br

erature Itenalts greed and wholesale murder when greedy and mu usts are satisfied in the names of nations Fraud is taken as evident •r diplomacy What is counted immoral down low is held admin ourts and on Thrones "-M Herve + “The object of the politician is expediency adisintere