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भारत में अंगरेज़ी राज

भारत में अंगरेजी राज इसके अलावा फरवरी के सुलहनामे में कोई ऐसा वाक्य न था कि इतने समय के अंदर हरेक शर्त पूरी हो जानी चाहिये। इसलिए अब वाट्सन का सिराजुद्दौला को यह लिखना कि दस दिन के अंदर लव शर्ते पूरी हो जानी चाहिये, केवल फिर से लड़ाई शुरू करने का एक बहाना ढूंदना था। उधर सिराजुद्दौला ने सेना की जो सहायता मांगी थी उसका जवाब तक नहीं दिया गया। सिराजदौला ने सच्ची गम्भोरता के साथ वाट्सन को उत्तर दिया:-- ___"कुछ दिन हुए आपने मुझे जो पत्र लिखा था उसका उत्तर मैं दे चुका हूं। जो कुछ मैंने (दिल्ली सम्राट के विषय में ) लिखा है उस पर गौर करके कृपा कर मुझे जल्दी जवाब भेजिये । मैं इस बात पर पक्का और जमा हुश्रा हूँ कि जो सन्धि हमने आपस में की है उसको शर्तों पर कायम रहूँ, किन्तु होली की छुट्टियों की वजह से, जिनमें मेरे बनिये (खजांची आदि) और मंत्री दरबार में नहीं पाते, मुझे उन शर्तों पर काररवाई मुतलवी करनी पड़ी। होली खतम होते ही जिन जिन बातों पर मैंने दस्तखत किए हैं उन्हें ठीक ठीक पूरा कर दूंगा । आप समझ सकते हैं कि इस देरी का कोई इलाज नहीं xxx मैं जो सन्धि एक बार कर लेता हूँ उसे तोड़ना मेरे यहाँ का द्विवाज नहीं है, इसलिए आप तसल्ली रखिए कि जो सन्धि मैंने अंगरेजों के साथ की है उसे टालने का मैं प्रयत्न न करूंगाxxx | mater, and I make httle doubt but that all itus engagements will be dul Executed "--Clses lettes to the Select Con.mittee, dated 30th March 1757- Bengal Records, roJ. 11,0308