पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/३५३

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सिराजुद्दौला

सिराजुद्दौला की खबर सुनकर और कोई चारा न देख २४ जून की आधी रात को सिराजुद्दौला केवल अपने तीन अनुचरों सहित महल को एक खिड़की से होकर फकीर के वेष में भगवान गोला नामक नार की ओर निकल गया। २५ जून को सवेरे मीर जाफ़र मुर्शिदाबाद पहुँचा, उसके पीछे पीछे २६ को क्लाइव अपनी सेना सहित मुर्शिदाबाद आया। किन्तु तीन दिन तक क्लाइव मुर्शिदाबाद से लगभग 2 मील बाहर सय्यदावाद की फ्रांसीसी कोठी में ठहरा रहा। उसके अपने पत्र से जाहिर है कि वह इस समय एकाएक मुर्शिदाबाद के शहर में प्रवेश करने से डरता था। ___२६ ता० को मीर जाफ़र से समय निश्चित करके २०० गोरे और ५०० हिन्दोस्तानी सिपाहियों सहित विजयी लाइव ने मुर्शिदा- बाद के शहर में प्रवेश किया। कुछ दिनों बाद क्लाइव ने पालिमेण्ट की कमेटी के सामने गवाही देते हुए कहा :- __"नगर के लोग, जो उस अवसर पर तमाशा देख रहे थे, कई लाख अवश्य रहे होंगे; और यदि वे चाहते तो लकड़ियों और पत्थरों से हम यूरोपियन लोगों को वहीं खतम कर सकते थे ।"* यह अनुमान करना अब निरर्थक है कि यदि मुर्शिदाबाद के बाशिन्दे उस समय ऐसा कर बैठते तो भारत के बाद के इतिहास ___* That the nhabitants, RAO were spectators upon that rerasion, must have amounted to some laundrea thousands , and it they had ar raelina- tion to have destroyed the Europeans ther m.ght have done it with sticks and stones' Clirre's Evidence Before the Parliamer.tar- Committee,