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पाँचवाँ अध्याय फिर मीर जाफर ७ जुलाई सन् १७६३ को कलकत्ते के अंगरेजों ने समस्त बंगाल, .. बिहार और उड़ीसा में यह एलान प्रकाशित कर आर दिया कि 'मीर मोहम्मद कासिमअली खाँ के मे एलान जुल्मों के कारण उन्हें सूबेदारी की मसनद से उतार कर उनकी जगह 'मीर मोहम्मद जाफ़रअली खाँ बहादुर' को फिर से मसनद पर बैठा दिया गया है । इसी एलान में सब सरकारी कर्मचारियों और प्रजा से अपील की गई कि आप लोग "मीर मोहम्मद जाफ़रअली खाँ बहादुर की मदद के लिए उनके झंडे के नीचे आकर जमा हो जावे, ताकि मीर मोहम्मद जाफर अली खाँ बहादुर कालिमअली खाँ के प्रयत्नों को निष्फल करके अपनी सूबेदारी को पक्का कर सके।"