पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/४६०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
२००
भारत में अंगरेज़ी राज

२०० भारत में अंगरेजी राज सार नीचे दिया जाता है, जिससे उस समय के बंगाल की हालत का खासा अन्दाजा लगाया जा सकता है। शिकायतें इल प्रकार थीं:- १--पटने में करनलगंज और मारूगंज नाम की दो नई मंडियाँ अंगरेजों ने कायम की हैं। वहाँ के अंगरेज़ अफ़सर पुरानी सरकारी मंडियों के व्यापारियों को ज़बरदस्ती पकड़ पकड़ कर अपने यहाँ ले जाते हैं, जिसके कारण मेरी संडियाँ उजड़ गई और मुझे एक लाख का नुकसान हो रहा है। २-पटना और मुर्शिदाबाद की कचहरियों की यह हालत है कि वहाँ पर तमाम व्यापारी अंगरेजी कोठियों की आड़ लेकर सरकारी महसूल देने से इनकार कर देते हैं। __३-जगह जगह अंगरेज गुमाश्ते सरकार के बागियों और मुजरिमों को अपने यहाँ आश्रय देते हैं। ४-हल्के और घटिया सिक्के ढालकर टकसाल के अधिकार का दुरुपयोग किया जा रहा है। ___५---कासिमवाज़ार की कोठी के गुमाश्तों ने जबरदस्ती दम- दम, शिवपुर और वामनघाट इन तीनों गांव पर कब्जा कर लिया है और एक कौड़ी मालगुजारी नहीं देते। ६-अंगरेज गुमाश्ते अपना तम्बाकू और दूसरा माल ताल्लुक- दारों और रयत के सर जबरदस्ती मढ़ देते हैं, जिससे मुल्क वीरान हो रहा है और सरकार की आमदनी को बहुत भारी नुकसान हो रहा है।