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पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/४९९

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मीर जाफर की मृत्यु के बाद

मीर जाफ़र की मृत्यु के बाद २३३ नाश कर डाला । * इसी अपराध के दंड में वोल्ट्स को भारत से देश निकाला दे दिया गया। गवरनर वेरेल्स्ट के एक पत्र से मालूम होता है कि अंगरेजों के अधिकार से पहले बंगाल की बनी हुई चीज़ हिन्दोस्तान के कोने कोने में और पच्छिम में ईरान और अरब की खाड़ियों और पूरब में चीन इत्यादि के समुद्रों से होकर दूर दूर के देशों में पहुँचती थीं और "हजारों रास्तों से धन बह वह कर" बंगाल में आता था, किन्तु अब वह सब रास्ते बन्द हो गए । यूरोप की कम्पनियाँ जो भारतीय माल हर साल जहाजों में भर कर अपने देशों को ले जाती थी उस माल के बदले में एक पैसा यूरोप सं भारत न आता था। इस माल की पूरी कोमत बंगाल ही से वसूल की जाती थी। अपना भारत के दूसरे प्रान्तो का खर्च यहाँ तक कि अपनी चीन को वस्तियों तक का खर्च अंगरेज़ बंगाल हो से वसूल करते थे। व्हीलर नामक अंगरेज़ लिखता है :- "तीन साल के अन्दर पचास लाख पाउण्ड (पाँच करोड़ रूपए) से ऊपर का सोना चौदी बंगाल से विदेशों को गया, जबकि करीब पाँच लाख पाउण्ड (पचास लाख रुपए) का सोना चाँदी बाहर से बंगाल अारा । इसी समय के अन्दर एक रुपए की कीमत दो शिलिंग कै पेन्स हो गई।". 'Constration of the franroine Frri Indin Compunm. Jolts Turing tiret par the rports of bullton troit Bengal rape ltd tive millions oterling, rhilst the imports of illion were littir more than half a million tantims the rupee Tus to an exchange rralne of tno and ar pence. "..--EMy Retardoof British Ina.s, by theeler » 373