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भारत में अंगरेज़ी राज

भारत में अंगरेजी राज नियुक्त हुआ ! किन्तु क्लाइव के जाने के समय से बारन हेस्टिंग्स की नियुक्ति के समय तक उत्तरीय भारत में कोई भी महत्त्व की राजनैतिक घटना नहीं हुई। _ 'सीअरुल-मुताख़रीन' में विस्तार के साथ क्यान किया गया है कि किस तरह उन दिनों बंगाल के तीनों प्रान्तों में अलग अलग शिताबराय, मोहम्मद रज़ा खाँ और जलारत खाँ कम्पनी के नायवों की हैसियत से साग काम करते थे, उनके साथ बैठकर और हर जिले में छोटे से छोटे देशी अफसरों के पास बैठकर अंगरेज माल के महकमें का सारा काम सीखते थे और देश के रस्म रिवाज की जानकारी प्राप्त करते थे और फिर उन्हीं से सीखकर उन्हीं पर हावी रहते थे, या उन्हें निकाल कर उनकी जगह ले लेते थे। इन दो अमली ने तीनों प्रान्तों का सत्यानाश कर डाला। चारों ओर अराजकता थी।हर समय हर एक को जान दा अमली द्वारा और माल का खतरा था। हर तरह की तिजारत बंगाल का नाश ___ पर अंगरेजों का अनन्य अधिकार था। देश के समस्त उद्योग धन्धे, जिन्हें कुछ ही वर्ष पहले संसार चकित होकर देखता था, कुचल कर मटियामेट कर दिए गए थे सोना, चाँदी, जवाहरात, रुपए और अशर्फियाँ लद लद कर देश से बाहर जाने लगीं, यहाँ तक कि देश में रुपया दिखाई देना तक कठिन हो गया। बोल्ट्स नामक अंगरेजने विस्तार के साथ बयान किया है कि किस प्रकार अंगरेज़ दलालों ने बंगाल की फली फूली कारीगरियो का