पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/५११

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वारन हेस्टिंग्स

वारन हेस्टिग्स २४५ . के गवरनर के अधीन्द कर दी गई और वारन हेस्टिंग्स कम्पनी के समूचे भारतीय राज का पहला 'गवरनर-जनरल' नियुक्त हुआ। ऊपर लिखा जा चुका है कि मोहम्मद रजा खाँ के विरुद्ध काम निकालने के लिए वारन हेस्टिंग्स ने महाराजा ____ नन्दकुमार से बंगाल की नायबी का झूठा वादा इलज़ाम ____ कर दिया था। किन्तु नन्दकुमार भी एक अर्से से अंगरेजों की आँखों में खटक रहा था। उस झगड़े के बाद नन्दकुमार ने एक लम्बी अर्जी लिखकर कलकत्ते को कौन्सिल के सामने पेश की, जिसमें उसने वारन हेस्टिंग्स पर बंगाल के रईसों और जमींदारों से रिश्वत लेने, जबरदस्ती धन वसूल करने, यहाँ तक कि मुर्शिदाबाद के नवाब की माँ मुन्नी बेगम से रकम वसूल करने, लोगों को धोखा दने इत्यादि के अनेक इलज़ाम लगाए । नन्दकुमार की अर्जी में ठीक ठीक रकमें और पूरे नाम और पते मौजूद थे। उसने शहादत पेश करके अपने तमाम दावों को सच्चा सावित कर दिया। कौन्सिल के मेम्बरों ने नन्दकुमार के इलजामों को सच्चा स्वीकार किया। किन्तु हेस्टिंग्स को कोई दंड महाराजा नन्दकुमार न मिल सका । उसने इस बात से ही इनकार को फाँसी किया कि कौन्सिल को गवग्नर के विरुद्ध शिकायत सुनने का अधिकार है। हेस्टिंग्स ने नन्दकमार के इलजामों का जवाब देने के बजाय उलटा नन्दकमार पर अब यह जुर्म लगाया

  • funtt of Council, 11th April, 1775