भारत में अंगरेजी राज इस काम के लिए एक अंगरेज़ दूत एलयॉट को बरार के राजा के पास भेजा गया। एक अंगरेज़ इतिहास लेखक अरार के राजा की र लिखता है:- फोड़ने के प्रयत्न “मिस्टर एलयॉट को इस काम के लिए नियुक्त किया गया कि तुम जाकर बरार के राजा को मराठा मण्डल से फोड़ो। एलयॉट के द्वारा बरार के राजा से बातचीत की गई । एलयॉट को यह अधिकार दिग्ना गया कि तुम राजा से कह दो कि गवरनर जनरल अपनी पूरी शक्ति से सतारा के राजा का तमाम इलाका और पेशवा की पदवी आपको दिलवाने के लिए तैयार है।* किन्तु मूदाजी ने किसी वजह से वारन हेस्टिंग्स की इस सलाह को स्वीकार न किया । वारन हेस्टिंग्स को चाल पूरी तरह न चल सकी। इस पत्र व्यवहार से उसे इतना लाभ अवश्य हुआ कि बंगाल की सेना शान्ति के साथ बरोर के इलाके से गुजर सकी। ___ होलकर और सींधिया दोनों मालूम होता है फ्रान्सीसी हमले के धोखे में श्रागए । इसके अलावा वे उस समय पूना में थे, इस लिए उन्होंने इस सेना को अपने राज्यों में से गुजरने की इजाजत दे दी। __ * 'Overtures were made to the Raja of Berar through Mr Eliot, who was deputed, with the view of detaching him from the confederacy, and who was empowerel to offer than the full support of the Goveraor-General in his claims to the possessions of the Raja of Sattara, and to the situation o Peshwa'-Origin of the Paneer tes etc , by an Officer in the service of the Honorable East India Company, 1818
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