पृष्ठ:भारत में अंगरेज़ी राज - पहली जिल्द.djvu/५६३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
२८७
पहला मराठा युध्द

२७ पहला मराठा युद्ध गुज़रना था। इनमें से भोसले, होलकर और सींधिया तीनों महाराष्ट्र मण्डल के सदस्य थे। यदि इन नरेशो को अंगरेज़ी सना का असली उद्देश मालूम होता तो उस सेना का पूना तक पहुँच सकना असम्भव होता! इसलिए वारन हेस्टिग्स ने इन तीनों को धोखे में रखने के लिए उनके साथ गुप्त पत्र व्यवहार शुरू कर दिया। सबसे पहले उसने इन सब नरेशो पर यह जाहिर किया कि फ्रान्ल की सेना भारत के पच्छिमी तट पर हमला करने वाली है और बंगाल से कम्पनी की सेना केवल फ्रान्सीसियों से अपने इलाके की हिफाजत करने के लिए भेजी जा रही है, उसका उद्देश किसी भारतीय नरेश से युद्ध करना नहीं है । इसके अलावा बरार के राजा भूदाजी भोंसले के साथ उसने एक और खासी सुन्दर चाल चली। हाल ही में सतारा के राजा की मृत्यु हो चुकी थी, उसके कोई औलाद न थी। भोसले कुल की उत्पत्ति शिवाजी के वंश से थी। वारन हेस्टिंग्स ने मूदाजी भोसले को उकसाया कि आप सतारा की गद्दी पर अपना हक जमाइए, कम्पनी आपकी मदद करेगी। बारन हेल्टिंग्ल का मतलब यह था कि सतारा की अधिकार शून्य गद्दी पर एक प्रबल नरेश को बैठाकर पेशवा दरबार के अधि- कारों को तोड़ दिया जावे, मराठा मण्डल में फूट डाल दी जावे और फिर मूदाजी को अवध के नवाव वज़ीर की तरह अपने हाथों में रक्खा जावे।